Sunday, July 19, 2009

पंचायत KA

पंचायत के आगे नतमस्तक है सरकार नहीं सम्भाल पा रहा है प्रशासन यंहा की व्यवस्था .......... जहा हम सारी दुनिया के साथ कदम ताल कर रहे है वही अभी हम हरियाणा में काफी पीछे है .......जहा लड़कियों के जनसंख्या काफी कम है शादी परेशानी और मौत का दूसरा नाम है ....अगर हो भी जाये तो गोत्र ...नहीं जीने देती क्यों की हमारे गोत्र में शादी .............अभी हाल में हुई एक घटना में एक लड़के ने I इसीलिए जहर खा लिया ........और पंचायत ने उसके परिवार वालो को सामाजिक बहिष्कार कर गाँव छोड़ने का तुगलकी फरमान सुना डाला ...क्यों की उन्होंने उस लड़की से शादी की जिस गोत्र के लोग उस गाँव में रहते थे ............शुरू हो गया पंचायतो का दौर और हुआ वही जिसका डर था ..........गाँव से निकल जाने का आदेश पंचायत द्वारा .............कई बार उठा बैठक हुई लेकिन फैसला वही रहा .......या तो गाँव छोडो या लड़की को लड़का तलक दे कर अपनी बहन माने आप ही सोचिये ये TUGLKI PHERMAN नहीं तो और क्या है ...क्या ESHI भारत की कल्पना हमारे महापुरषों ने की थी ..आज जहा सब स्वतंत्र है ....जहा दूसरी जाति शादी करनी को प्रोत्सहन दिया जाता है ..वही यहाँ DUSHRI गोत्र में शादी करने पर भी हंगामा बरपा रही है पंचायत .......और तो और प्रशासन भी नाकाम है वह पीडित परिवार को सही न्याय नहीं दिला पा रही है .......ये पंचायत क्या करेगी अभी तो पता नहीं .......लेकिन लड़के ने जहर खा कर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश जरुर की
पंचायत के आगे नतमस्तक है सरकार नहीं सम्भाल पा रहा है प्रशासन यंहा की व्यवस्था .......... जहा हम सारी दुनिया के साथ कदम ताल कर रहे है वही अभी हम हरियाणा में काफी पीछे है .......जहा लड़कियों के जनसंख्या काफी कम है शादी परेशानी और मौत का दूसरा नाम है ....अगर हो भी जाये तो गोत्र ...नहीं जीने देती क्यों की हमारे गोत्र में शादी .............अभी हाल में हुई एक घटना में एक लड़के ने I इसीलिए जहर खा लिया ........और पंचायत ने उसके परिवार वालो को सामाजिक बहिष्कार कर गाँव छोड़ने का तुगलकी फरमान सुना डाला ...क्यों की उन्होंने उस लड़की से शादी की जिस गोत्र के लोग उस गाँव में रहते थे ............शुरू हो गया पंचायतो का दौर और हुआ वही जिसका डर था ..........गाँव से निकल जाने का आदेश पंचायत द्वारा .............कई बार उठा बैठक हुई लेकिन फैसला वही रहा .......या तो गाँव छोडो या लड़की को लड़का तलक दे कर अपनी बहन माने आप ही सोचिये ये TUGLKI PHERMAN नहीं तो और क्या है ...क्या ESHI भारत की कल्पना हमारे महापुरषों ने की थी ..आज जहा सब स्वतंत्र है ....जहा दूसरी जाति शादी करनी को प्रोत्सहन दिया जाता है ..वही यहाँ DUSHRI गोत्र में शादी करने पर भी हंगामा बरपा रही है पंचायत .......और तो और प्रशासन भी नाकाम है वह पीडित परिवार को सही न्याय नहीं दिला पा रही है .......ये पंचायत क्या करेगी अभी तो पता नहीं .......लेकिन लड़के ने जहर खा कर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश जरुर की

Wednesday, June 10, 2009

चुनाव आयोग जो एक सम्बधानिक संस्था है उस पर भी रसा कस्सी शुरू हे हो गयी ..समाजवादी पार्टी के एक वरिस्ट नेता ने इसके स्म्बैधानिक पद को कम करने के मांग उठाई है क्यों की इनके सपनों को आग उसे ने लगाई है और समाजवादी पार्टी को सत्ता से दूर पहुची है ..नहीं तो मिश्रा जी का भे कुछ जुगाड़ लग जाता और अफसरों को चक्कर कटवाते
अफसर उनके चक्कर नहीं कट रहे यही दुःख उनको सता रहा है क्यों के अब वो प्यासे है और शासन कुआ है ..सपा के शासन काल में मशीनरी का दुरूपयोग किसी से छुपा नहीं है ...वही व्यवस्था का गम उन्हें सता रहा है ...लेकिन अब उन्हें अंदाजा नही है के हवा बंद हो गयी है ...रुख बदल गया है ..सीयर अपने अपने जंगलो को लौट गए है ये कह के हम 5 साल बाद फिर आएंगे तब तक आप चुनाव आयोग को अपने बस में करने के कोशिश करए ..हम आप के साथ है .....लेकिन एक बात तो ये तय हो हे गयी की हमारे संबिधान में दम तो है ..लेकिन इन रंगे सियारों के हाथ ओरिजनल कॉपी पड़ा है ..जिसे वो मन माफिक बदलने के कोशिश करते है ..कुछ तो प्रोग्राम तो इस लिए बचे है ..क्यों की इन्हे उसका पासवर्ड नहीं मालूम है ..नहीं तो ये उसे भी कीडे के तरह चाट जाये ..........अब देखते है के ये इस चुनाव आयोग रुपी प्रोग्राम को मिटाने के लिए कितने कीडे लगते है वैस तो कीडो के संख्या ज्यादा दिखाई दे रही है .......आगे आगे देखते है होता है क्या .................इंतजार करीए और ५ पाच साल बाद ...............कीडो को मारने का बंदोबस्त करीए वर्ना ये पूरा आयोग नहीं सम्विद्धन चाट जायेंगे .....अभे से कमर काश लीजये क्यों की अबकी बार चुके तो संबिधान गया ..........................
बात करते है सत्यम् के जो अब अपने रास्ते पर आ रही है लेकिन क्या माजरा रहा किसी को कुछ समझ में आया केवल राजनिती के शिवा . ये ..लेकिन अब राहत के बात ये है की कंपनी ने अगर कुछ पुराने मित्रो को खोया तो उससे बड़े मित्रो का साथ भी उसे मिला ..कंपनी ने ४ करोड़ का शुद्ध लाभ भी कमाया ..इससे आशा बनते है के कंपनी के पुराने दिन फिर फिरेंगे .....इसे उम्मीद के साथ .............................जय हिंद
हा एक बात ये के माजरा समझ में आये तो बातये..................

Thursday, April 16, 2009

सत्यम एक विवाद हो गया है प्रश्न यह उठता है की सौदा कसे हुआ क्या यह क्या साफ है मामला काफी गड़बड़ है एक तो चुनाओ यह सौदा कुछ समझे में नहीं आया ये तो मामला दबाया जा रहा है यंहा भी राजू का पलडा हावी है कंपनी बिकते ही उनके परिवार वोलो ने कंपनी को अपने पैसे के लिए नोटिस भेज दिया आने चित भी अपनी पट भी अपनी ......सरकार को अपना चंदा मिला .........और राजू को अपना पैसा .......और अब आराम से कुछ दिन बाद राजू बाहर होगे .....और निवेसक अपना सेर पेट रहे होगे ...लेके साथै महिंद्रा का है तो सायद कुछ इन्हें भे फाडा मिल जाये ... तो अगर सब फायदे मैं है तो नुकसान किस का हुआ ..यह सोचना है

Wednesday, April 15, 2009

आज के इस युग में सभी लोग केवल राजनेताओ को गलत ठहराते है लेकिन क्या उन्ही का सारा दोष है अब जब आज से सबसे बड़ा उत्सव हो रहा है तो देखते है के कितने लोग शामिल होते है की केवल दोष मढ़ते है हमें जरूरते है अपने जिम्मदारी निभाने के और एक अच्छे लोकतंत्र बनाने की और अपने योगदान की न की बाद में हाथ मलने की ............आइये वोट दे .............................
HI AP LOGO KA MAIN SAWAGAT KARTA HU AJ KE BAD HAM DHER SARE BATE KARENGE CHAHE WAHE KESE BHE CHETRA SE SAMBANDHET HO

जब विद्यासागर जी ने चप्पल फेंकी

जब विद्यासागर जी ने चप्पल फेंकी फिर एक चप्पल चली। रोज ही कहीं ना कहीं यह पदत्राण थलचर हाथों में आ कर नभचर बन अपने गंत्वय की ओर जाने क...