Thursday, November 24, 2016

फर्जी पायलट बनाने वाली हिसार हवार्इपटटी से कालेधन का खेल

हरियाणा का हिसार हवार्इअडडा यूं तो छोटी सी हवार्इपटटी है लेकिन बदनामी में इसका नाम सबसे बडा है.फिर चाहे फर्जी पायलट तैयार करने का मामला हो या फिर अब काले धन की हेराफेरी का.शांंत पडा रहने वाला हिसार का हवार्इअडडा प्रधानमंत्री मोदी के नोट बंद की घोषणा के बाद सबसे ज्यादा चार्टर विमान संचालित करने वाला हवार्इअडडा बन गया.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां से हर दिन दो से तीन उडान हुर्इ है आैर वह भी सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों के लिए.

कालाधान खापने का काला खेल
दरअसल पूर्वोत्तर राज्याें कर्इ जनजातियों को हर प्रकार के आयकर प्रावधान से छुट मिली हुर्इ है.कोर्इ भी आयकर के दायरे में नहीं आता है आैर न ही कोर्इ कानून लागू होता है.अब इसी गलियारे को चोरटाइप के चाटर्ड एकाउंटेंटस ने कालाधान का गलियारा बना डाला. नोट बंद की घोषणा के बाद एक के बाद एक चाटर्ड विमान दीमापुर पहुंचने लगे.

तीन करोड ने बिगडा खेल

इसी दौरान साढे तीन करोड रूपए पकडे गए आैर फिर रहस्मय तरीके से गायब भी हुए आैर अब फिर मिल गए हैं लेकिन इस छानबीन के दौरान जो चौंकाने वाली जानकारी आयकर अधिकारियों के सामने आर्इ उसने होश उडा दिए.आननफानन में चाटर्ड विमानों के रूट परमिशन डीजीसीए आैर एटीसी से मांगए गए आैर अब सभी उडानों की जांच शुरू हो गर्इ है.

शादी विवाह के बहाने खप रहे नोट

आयकर विभाग से जुडे एक अधिकारी का कहना है कि नोट खपाने के लिए करोडपति परिवारों ने शादी का बहाने भी उपयोग किया है.एक राज्य जिसमें सबसे ज्यादा शादियों होती है.अब वह भी दायरे में है.शादी में परिवार को लाने ले जाने के बहाने रकमो की भी हेराफेरी हुर्इ है;

इन राज्यों में है छूट
लददाख
मिजोरम
असम
मेघालय
मणिपुर
नागलैंड
त्रिपुरा
अरुणाचल प्रदेश

Thursday, November 10, 2016

उत्तर प्रदेश की त्रिशंकु विधानसभा की बिछती चौसर


उत्तर प्रदेश में सर्द की दस्तक के साथ चुनावी चौसर ने सरगर्मी बढ गर्इ है.राजनीति गलियारे भरे हुए हैं आैर बाहरी तापमान भले ही २४ हो लेकिन पार्टी मुख्यालयों के तापमान पर मर्इ का मौसम हावी है.चुनावी चौसर की बिछ रही बिसात में सभी अपनी मोहरें बिछने व्यस्त हैं.कोर्इ टिकट के लिए लाइन लगा रहा है तो कोर्इ मुख्यमंत्री पद का सपना संजाेए हैं.इस बिछती हुर्इ बिसात में मन किया की सबके दिल की हालत देखी जाए.चुनावी कबडडी में एक बार फिर से ताल ठोंकी जाए.मुलायम के दांव की मायावती के बिसात की आैर भाजपा के चार की आैर कांग्रेस के कमाल की चर्चा की जाए.फिर चार दिन का यह दृश्य हमें नजर आया.
भाजपा का पलडा फिलहाल भारी है.पिछले चुनाव में दूसरे तीसरे आैर चौथे नंबर पर रहे कर्इ प्रत्याशी पहले से ही भाजपा का दामन थाम चुके हैं. बाकी एक नंबर पर विजय पाने वाले भी टिकट के लिए लाइन में हैं. इतिहास गवाह है कि टिकट बंटने में जब जिस पार्टी में हंगामा हो तो वह जीत रही है.
लखनउ, बाराबंकी, फैजाबाद, बस्ती, कुशीनगर, गोरखपुर, गाेंडा, बहराइच, सुल्तानपुर, उन्नाव, अकबरपुर, कानपुर का कमोवेश यही हाल है.मतदाता यूं तो किसी से खुश नहीं है लेकिन यह भी सोच रहा कि एक बार मायावती आैर फिर मुलायम के बाद अब क्यों न उत्तर प्रदेश में भगवा रंग को भी देख लिया जाए.
बसपा पर इस बार मुस्लिम प्रत्याशी की होड लगी है अगर एेसा रहा है तो २९ प्रतिशत के वोट से मुख्यमंत्री तय करने वाले इस प्रदेश में मायावती का पलडा भारी है यह एसी आैर मुस्लिम को वोट प्रतिशत ३५ पार कर जाएगा खास बात यह है कि यह वर्ग वोट डालने के लिए जाने वाला वर्ग है.हालांकि कुर्सी पर कब्जा दिलाने वाले पंडित जी इस बार गायब हैं.
सपा के लिए खतरे की घंटी परिवार से ही नहीं समाज से भी बजी है.मुस्लिम यादव की गठजोड में ठाकुर साहब के ताव पर सवार होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज सपा से मुस्लिम सटक रहा है.ठाकुर साहब भी खासे प्रभावित नहीं हैं इस बार आजम के बजाय नसीमुदृदीन सिदृकी चल रहे हैं.यादव जी की वजह से अन्य आेबीसी पहले ही झटका दे रहे हैं फिर चाहे वह पटेल लाबी हो यह फिर मौर्या
कांग्रेस २००९ के लोकसभा चुनाव में कमाल करने वाली कांग्रेस को इस प्रत्याशी भी मिलते नहीं दिखार्इ दे रहे हैं.जिलों के जिलाध्यक्ष ही पोस्टर बैनर चिपका कर दिल पर मरहम लगा रहे हैं.करीब चार दिनों में ९०० किलोमीटर की यात्रा में कांग्रेस के एक दो पोस्टर के अलावा दिवाली आैर छठ की बधार्इ का भी बैनर दिखार्इ नहीं दिया.
अंत में उत्तर प्रदेश की राजनीति में खेल बनाने बिगडने का काम पीस पार्टी,पटेल पार्टी, हैदराबाद वाली पार्टी आैर राजा भैया की एकल पार्टी सहित अन्य पार्टियां करेंगी.

चलते-चलते---नोट के सर्जिकल स्टाराइक ने भाजपा को आैर मजबूत कर दिया है मोदी का यह फैसला वोटरों को खासा लुभा रहा है एेसे में अगर भाजपा का प्रचार तंत्र बेहतर रहा आैर स्थानीय स्तर पर आेम माथुर सही प्रत्याशी चुन पाए तो भाजपा चुनाव जीत जाएगी वरना विधानसभा त्रिशंकु हो जाएगी.एेसे में अपनी जगह बचाने के लिए तीनों पार्टी गठबंधन कर सकती हैं क्यों कि सभी का मकसद एक है कि किसी भी तरह भाजपा की सत्ता को रोका जाए.

जब विद्यासागर जी ने चप्पल फेंकी

जब विद्यासागर जी ने चप्पल फेंकी फिर एक चप्पल चली। रोज ही कहीं ना कहीं यह पदत्राण थलचर हाथों में आ कर नभचर बन अपने गंत्वय की ओर जाने क...