राजस्थान की वसुंधरा पर बिल्डरों का इतना आतंक है कि सरकार हर जनहित त्याग कर बिल्डरहित का बीडा उठा लिया है। जयपुर में ७४७ जंबो जेट उतारने की क्षमता वाला हवार्इअडृडा पहले से ही है लेकिन बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए जेडीए ने एक आैर घोषणा कर दी कि शिवदासपुरा में एक आैर हवार्इ अडडा बनाने की घोषणा कर दी। हवार्इक्षेत्र से जुडे पायलट आैर विशेषज्ञ विपुल सक्सेना बताते हैं कि पहली बात तो यह किसी कीमत पर हो नहीं सकता आैर राजनीतिक हस्ताक्षेप से हो भी गया तो यह विमान हादसों का अडडा होगा। असली बात यही है कि यह बन ही नहीं सकता क्योंकि यह इंटरनेशनल गाइड लाइन है अगर इसे तोडा गया तो वैश्विक स्तर चलने वाले विमान जयपुर से नहीं उडेेंगे। यह सिर्फ खेल है।
राजनीति से जुडे एक व्यक्ति का कहना है की वसुंधरा का वसुंधरा से बडा प्रेम है। इनके आते ही एेसा खेल शुरू हो जाता है। पहली बार जब राजनीति में राजस्थान में जयपुर आर्इ तो यह जिसके मकान में ठहरी अब वह उनका ही हो गया। खैर वह व्यक्ति भी अब बडे बिल्डर में आता है।
इसलिए नहीं बन सकता नया हवार्इअडडा
३२ हजार फीट तक १०० किलोमीटर तक चढता आैर उतरता है
२० किलोमीटर रनवे क्षेत्र होता है बन ही नहीं सकता
१ ही होगा एटीसी तो फिर जरूरत क्या
१ दिन में करीब९ ०० विमान लैंड आैर टेकआॅफ कर सकता है जयपुर एयरपोर्ट फिर जरूरत नहीं
२ टर्मिनल आैर बनाए जा सकते हैं
१ साल में अब तक २२ लाख यात्री अधिकतम
तो सलाह यह है कि एयरपोर्ट के नाम पर जमीन के खेल में अपने पैसे रूपी विमान की क्रास लैडिंग न करें
https://www.youtube.com/watch?v=JhOruafz4DQ
जयपुर के स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार अशोक शर्मा बताते हैं कि यह जयपुर विकास प्राधिकरण का यह पुराना खेला है पहले प्रोजेक्ट की घोषणा, फिर उसके आसपास की जमीन महंगी आैर उसकी बिक्री फिर मुनाफा आैर रिश्वत की वसूली आैर फिर बहाना की यह फिजीबल नहीं है आैर प्रोजेक्ट बंद कर दिया जाता है। इस प्रोजेक्ट में भी एेसा ही होना तय है। एेसे में लोगों को जमीन खरीददारी से बचना चाहिए। जेडीए इस खेल में इसलिए भी शामिल हो जाता है क्यों तमाम प्रकार के शुल्क वह वसूल करता है। बाकी सांठगांठ का खेल तो सब जानते ही हैंराजनीति से जुडे एक व्यक्ति का कहना है की वसुंधरा का वसुंधरा से बडा प्रेम है। इनके आते ही एेसा खेल शुरू हो जाता है। पहली बार जब राजनीति में राजस्थान में जयपुर आर्इ तो यह जिसके मकान में ठहरी अब वह उनका ही हो गया। खैर वह व्यक्ति भी अब बडे बिल्डर में आता है।
इसलिए नहीं बन सकता नया हवार्इअडडा
३२ हजार फीट तक १०० किलोमीटर तक चढता आैर उतरता है
२० किलोमीटर रनवे क्षेत्र होता है बन ही नहीं सकता
१ ही होगा एटीसी तो फिर जरूरत क्या
१ दिन में करीब९ ०० विमान लैंड आैर टेकआॅफ कर सकता है जयपुर एयरपोर्ट फिर जरूरत नहीं
२ टर्मिनल आैर बनाए जा सकते हैं
१ साल में अब तक २२ लाख यात्री अधिकतम
तो सलाह यह है कि एयरपोर्ट के नाम पर जमीन के खेल में अपने पैसे रूपी विमान की क्रास लैडिंग न करें
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