आप उनकी तरह पहनावा करें
आप उनकी तरह चेहरे में बदलाव आैर बाल रखें
आप उनको पूरी तरह कापी कर लें
फिर भी यूं ही कोर्इ यशवंत व्यास नहीं बनता
बहुत ही गहरार्इ बहुत ही लगाव आैर बहुत ही समझ हो तो फिर कोर्इ भले ही मुकाबला कर ले
पत्रकारिता में अतुल महेश्वरी जी के बाद, वीरेन डंगवाल जी की संस्कृति को कोर्इ अगर नए आयाम के साथ आत्मसात कर बढा रहा है तो वह व्यास जी हैं
मैं यह यूं ही नहीं लिख रहा हूं, जिस व्यक्ति में एक अखबार को खडा करने की कूबत हो उसका जलाल क्या होगा आप समझ सकते हैं
आजकल कर्इ लोग मिलकर अखबार सही से निकाल नहीं पा रहे हैं हर सोच में संशय है कि युवा को पकडे या फिर बुजुर्ग को इसी चक्कर में अखबार घनचक्कर बने हुए हैं
एक तरह अमर उजाला जैसे पेशेवर अखबार को नया आयाम दिया तो दूसरी तरफ अहा जिंदगी जैसी मैगजीन से नए मायने बताए आमीश त्रिपाठी के उपन्यास बाद में आए लेकिन यह परिचय पहले ही इन्होंने करा दिया अब एकदम अलग आयुर्वेद पर बेहतरीन मैगजीन लेकर आएं है यानी खुद इनके अंदर इतने आयाम हैं कि शायद वह खुद ही न भांप पाते हों...
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आप उनकी तरह चेहरे में बदलाव आैर बाल रखें
आप उनको पूरी तरह कापी कर लें
फिर भी यूं ही कोर्इ यशवंत व्यास नहीं बनता
बहुत ही गहरार्इ बहुत ही लगाव आैर बहुत ही समझ हो तो फिर कोर्इ भले ही मुकाबला कर ले
पत्रकारिता में अतुल महेश्वरी जी के बाद, वीरेन डंगवाल जी की संस्कृति को कोर्इ अगर नए आयाम के साथ आत्मसात कर बढा रहा है तो वह व्यास जी हैं
मैं यह यूं ही नहीं लिख रहा हूं, जिस व्यक्ति में एक अखबार को खडा करने की कूबत हो उसका जलाल क्या होगा आप समझ सकते हैं
आजकल कर्इ लोग मिलकर अखबार सही से निकाल नहीं पा रहे हैं हर सोच में संशय है कि युवा को पकडे या फिर बुजुर्ग को इसी चक्कर में अखबार घनचक्कर बने हुए हैं
एक तरह अमर उजाला जैसे पेशेवर अखबार को नया आयाम दिया तो दूसरी तरफ अहा जिंदगी जैसी मैगजीन से नए मायने बताए आमीश त्रिपाठी के उपन्यास बाद में आए लेकिन यह परिचय पहले ही इन्होंने करा दिया अब एकदम अलग आयुर्वेद पर बेहतरीन मैगजीन लेकर आएं है यानी खुद इनके अंदर इतने आयाम हैं कि शायद वह खुद ही न भांप पाते हों...
YASHWANT
VYAS is a well known author, journalist, media critic, consultant,
designer and columnist having more than thirty years experience in
print and related media. Known for his experimental approach, he has
been associated with many prestigious news groups. As editor, he had
been heading an Indian multilingual portal group in 90’s and three
prestigious national newspapers. Besides regular columns in print
Yashwant vyas has published more than ten books, written scripts,
translated and edited works. Khwab ke Do Din, Comrade Godse and
Chintaghar (Novels), Amitabh ka A (Brand analysis of Amitabh Bachchan
– the legend), Apne Girebaan Men,Kal Ki Taza Khabar (Research on
Hindi print media) and Ab Tak 56 (collection of satires) are his
known works.
His
off-beat experiment ‘HIT UPDESH: The book of razor management for
employees only’ was a big hit.
He was
awarded a national journalism fellowship to research on changing face
of vernacular press and also awarded for his novels -Chinta Ghar and
Comrade Godse.
He
created first Hindi-Gujarati NEW AGE monthly- AHA! ZINDAGI, launched
with 1.5 lac print order and achieved more than 10.6 lac readers
certified by IRS within 6 months, for a multi-edition newspaper group
DB Corp.
He
recently launched a unique wellness journal AYURVED SUTRA for
international audience with OCS.
He is
co-founder of Antara Infomedia, a venture dedicated to the
multidisciplinary media for greater good and is working on “JALEBI
-the sweet puzzles” (a special project for teenagers) . He is also
working on a special project to create a bridge between senior
citizens and new generation. For that he has constituted GULLUCK
(Generations unite for love, life, culture and knowledge.)
Thefridaypost.com, Studio YV Ink, R4Research and so many other
experiments are also in his account.
He has a
special association with one of the most reputed media group Amar
Ujala which has 20 editions in north India with a huge circulation.
As Group adviser to Amar Ujala he launched several new projects and
revamped the newspaper content & design.
He is
behind the Indian Literary Review.com, to be launched soon as the
first website in its genre.
Yashwant
Vyas, also, has been consultant to some prestigious Indian language
Publishers.
He
writes, edits, makes strategies and creates something new and unique
with each and every assignment.
Collective
wisdom of the east and rational modern approach with simplicity of a
basic human being is his life force…
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