राजनीति में पैराशूट नेता तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन पैराशूट मुख्यमंत्री भी कई पाए गए हैं, यहां पैराशूट का पर्याय बदल रहा है और इसे अब उच्च सदन का नाम दिया जा रहा है, देखने में यह आया है कि जो नेता उच्च सदन से मुख्यमंत्री बना है वह दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बना है, इसकी बानगी देखिए ...ऐसे में योगी का योग कुछ ठीक नहीं लग रहा है
उत्तर प्रदेश में उच्च सदन से मुख्यमंत्री बनने वाले दोबारा सत्ता में नहीं लौटे। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल सम्पूर्णानंद का और दूसरे नंबर अखिलेश यादव का रहा। उच्च सदन से मुख्यमंत्री बनने के बाद दुबारा सत्ता में न आने का रिकार्ड मायावती 2007, अखिलेश यादव 2012 के नाम है। अब आदित्य योगी नाथ भी विधान परिषद के सदस्य बनेंगे।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल सम्पूर्णानंद जी का रहा। जो वाराणसी दक्षिण से विधायक हुआ करते थे। 5 वर्ष, 344 दिन तक मुख्यमंत्री रहे। दूसरे नंबर पर अखिलेश यादव 5 वर्ष, 108 दिन तीसरे नंबर पर मायावती 4 वर्ष, 360 दिन, चौथे नंबर पर पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत 4 वर्ष, 335 दिन जो बरेली नगरपालिका से चुनाव जीते थे। सबसे छोटा कार्यकाल चन्द्रभानु गुप्ता का रहा जो 19 दिन तक मुख्यमंत्री रहे।
चौधरी चरण सिंह 328 दिन, त्रिभुवन नारायण सिंह 167 दिन, कमलापति त्रिपाठी 2 वर्ष, 69 दिन, राम नरेश यादव 1 वर्ष, 249 दिन, बनारसी दास 354 दिन, विश्वनाथ प्रताप सिंह 2 वर्ष, 39 दिन, श्रीपति मिश्र 2 वर्ष, 14 दिन, मुलायम सिंह यादव 3 वर्ष, 257 दिन, कल्याण सिंह 2 वर्ष, 52 दिन, राजनाथ सिंह 1 वर्ष, 131 दिन, रामप्रकाश गुप्त 351 दिन उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली है।
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