चीन में 2011 में हुए हादसे में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई थी.
चीन के जिझियांग में 24 जुलाई, 2011 को एक रेल हादसा हुआ था. इसमें दो हाई स्पीड ट्रेनें एक ही पटरी पर आ गई थीं. हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस हादसे को चीन के सबसे बड़े हादसों में से एक करार दिया जाता है. हादसे के तुरंत बाद ही रेल मंत्री शेंग गुआंझू मौके पर पहुंच गए. उन्होंने इस हादसे के लिए माफी मांगी और जांच के आदेश जारी कर दिए. चीन के उपप्रधानमंत्री झांग डेजियांग भी तत्काल मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य की देखभाल करने लगे. इसके तत्काल बाद रेलवे की ओर से बताया गया कि रेल विभाग के तीन बड़े अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया. इनमें शंघाई रेलवे ब्यूरो के प्रमुख, उप प्रमुख और पार्टी महासचिव शामिल थे. हादसे के बाद रेल मंत्रालय की ओर से 2 महीने के लिए सेफ्टी कैंपेन भी चलाया गया. हादसे की जांच के दौरान पता चला था कि हादसा सिग्नल फेल होने की वजह से हुआ था. इसके बाद 2013 में रेल मंत्रालय को भंग कर दिया गया. चीन ने हादसे के बाद ट्रेन की रफ्तार को 350 किलोमीटर प्रति घंटा से घटाकर 250 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा पर ला दिया. इतना ही नहीं रेलवे के किराए में भी पांच फीसदी की कमी कर दी गई.
चीन के पूर्व रेल मंत्री लियू झीजून जो अब भी जेल में हैं.
चीन में फरवरी 2011 तक रेल मंत्री थे लियू झीजून. हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए 800 मिलियन युआन घूस लेने का आरोप लगा, जिसके बाद चीन की सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. चीन के डिप्टी चीफ इंजीनियर झांस शुजुआंग को भी फरवरी 2011 में ही गिरफ्तार कर लिया गया. 8 मई, 2013 को चीन की एक अदालत ने घूस लेने और अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप में फांसी की सजा सुना दी. हालांकि दिसंबर 2015 में कोर्ट ने लियू की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था.अब यहां भी वक्त आ गया है कि रेल हादसों की जिम्मेदारी तय की जाए. हम चीन जैसी सख्ती दिखाने की बात नहीं कर रहे, लेकिन कम से कम ऐसे इंतजाम तो हो ही जाएं कि कुछ खास वजहों से हो रहे रेल हादसों पर रोक लगाई जा सके.
चीन के जिझियांग में 24 जुलाई, 2011 को एक रेल हादसा हुआ था. इसमें दो हाई स्पीड ट्रेनें एक ही पटरी पर आ गई थीं. हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस हादसे को चीन के सबसे बड़े हादसों में से एक करार दिया जाता है. हादसे के तुरंत बाद ही रेल मंत्री शेंग गुआंझू मौके पर पहुंच गए. उन्होंने इस हादसे के लिए माफी मांगी और जांच के आदेश जारी कर दिए. चीन के उपप्रधानमंत्री झांग डेजियांग भी तत्काल मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य की देखभाल करने लगे. इसके तत्काल बाद रेलवे की ओर से बताया गया कि रेल विभाग के तीन बड़े अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया. इनमें शंघाई रेलवे ब्यूरो के प्रमुख, उप प्रमुख और पार्टी महासचिव शामिल थे. हादसे के बाद रेल मंत्रालय की ओर से 2 महीने के लिए सेफ्टी कैंपेन भी चलाया गया. हादसे की जांच के दौरान पता चला था कि हादसा सिग्नल फेल होने की वजह से हुआ था. इसके बाद 2013 में रेल मंत्रालय को भंग कर दिया गया. चीन ने हादसे के बाद ट्रेन की रफ्तार को 350 किलोमीटर प्रति घंटा से घटाकर 250 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा पर ला दिया. इतना ही नहीं रेलवे के किराए में भी पांच फीसदी की कमी कर दी गई.
चीन के पूर्व रेल मंत्री लियू झीजून जो अब भी जेल में हैं.
चीन में फरवरी 2011 तक रेल मंत्री थे लियू झीजून. हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए 800 मिलियन युआन घूस लेने का आरोप लगा, जिसके बाद चीन की सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. चीन के डिप्टी चीफ इंजीनियर झांस शुजुआंग को भी फरवरी 2011 में ही गिरफ्तार कर लिया गया. 8 मई, 2013 को चीन की एक अदालत ने घूस लेने और अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप में फांसी की सजा सुना दी. हालांकि दिसंबर 2015 में कोर्ट ने लियू की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था.अब यहां भी वक्त आ गया है कि रेल हादसों की जिम्मेदारी तय की जाए. हम चीन जैसी सख्ती दिखाने की बात नहीं कर रहे, लेकिन कम से कम ऐसे इंतजाम तो हो ही जाएं कि कुछ खास वजहों से हो रहे रेल हादसों पर रोक लगाई जा सके.
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