यश भारती पुरस्कार के चाटुकार और लंपट पत्रकार
शिखा पाण्डे- दूरदर्शन की एक्सटर्नल कोऑर्डिनेटर। 2016 में उनके नाम की अनुशंसा लखनऊ के तत्कालीन एडीएम जय शंकर दुबे ने की थी। पाण्डेय की सीवी में लिखा है कि उन्होंने चार साल तक मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम का आयोजन किया जिसकी प्रशंसा सीएम ने भी की।
नोट—पांडे जी आप ने कमाल की कर दिया, वैसे कई पांडे देखा चुका हूं लेकिन सब आप से तरे तरे हैं, मुख्यमंत्री आवास पर कार्यक्रम के लिए तो नहीं लेकिन लगता है बच्चों को खिलाने लिए पुरस्कार मिला है
अशोक निगम- 2013 में यश भारत पाने वाले निगम ने सीवी में लिखा है, “संप्रति समाजवादी पार्टी की पत्रिका समाजवादी बुलेटिन का कार्यकारी संपादक।” निगम ने खुद को समाजवादी विचारधारा का लेखक बताया था।
नोट—इनसे मिलिए समाजवादी विचारधारा के ये दल्ले दामाद हैं ये
हेमंत शर्मा- हाल ही में इंडिया टीवी से इस्तीफा देने वाले पत्रकार। उनकी सीवी में लिखा है, “पहले लेखन को गुजर बसर का सहारा माना, अब जीवन जीने का।” शर्मा की सीवी में दावा किया गया है कि वो 1989, 2001 और 2013 का महाकुम्भ कवर करने वाले एकलौते पत्रकार हैं।
नोट—इतना बडा फर्जी आदमी कि 2013 में ये अकेला पैदा हुआ था कुंभ में ये, सुना है इसके साथ जयपुर में भी कुछ छेडछाड हुई थी दारू को लेकर
अब मिलिए नवाबजादे से हूकुमत चली गई लेकिन अभी भी नशे में
नवाब जफर मीर अब्दुल्लाह- नवाब को खेल वर्ग में यश भारती मिला। वो अवध रियासत के वजीर रहे नवाब अहमद अली खान के वंशज हैं। उनकी सीवी में लिखा है कि वो “कारोबारी” हैं और उनका आवास “लखनऊ और पूरा भारत” है।
समाजवादी नचनिए को भी मिला यश भारती, फिर तो सलमान के बैक डांसर को भी मिलना चाहिए था
काशीनाथ यादव- समाजवादी पार्टी के सांस्कृतिक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष। उन्होंने 27 अप्रैल 2016 को पार्टी के लेटरहेड पर अपनी सीवी भेजी। उनकी सीवी में लिखा है कि उन्होंने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए, गीत गाए और समाजवादी पार्टी की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया। काशीनाथ यादव ने ये भी लिखा कि उन्होंने 1997 में सैफई महोत्सव में भोजपुरी लोकगीत गाया था।
बढिया लौंडा पैदा किया नेता जी ने
मणिन्द्र कुमार मिश्रा- सपा नेता मुरलीधर मिश्रा के बेटे। आईआईएमसी से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले मिश्रा ने अपने सीवी में लिखा है कि उन्होंने साल 2010 में मेघालय के खासी जनजाति के बीच रहकर दो महीने तक फील्डवर्क किया था। मिश्रा ने अखिलेश यादव पर “समाजवादी मॉडल के युवा ध्वजवाहक” नामक किताब भी लिखी है।
जिसकी मनोदशा ही ठीक नहीं उसे मनोविज्ञान में यशभारती
ओमा उपाध्याय- साल 2016 में यश भारती पाने वाले उपाध्याय ने अपनी सीवी में लिखा है कि उन्होंने 2010 में ज्योतिष और मनोविज्ञान आधारित विशेष वस्त्र बनाने की युगांतकारी तकनीकी विकसित की थी।
लो ये भी हैं इन्हें छम्मा छम्मा के लिए मिला यश भारती
अर्चना सतीश- अर्चना सतीश के नाम को 27 अक्टूबर 2016 को यश भारती पुरस्कार समारोह में ही मंच पर अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी। अर्चना सतीश कार्यक्रम का संचालन कर रही थीं। उनकी सीवी में लिखा है, “प्रतिष्ठित सैफई महोत्सव का पिछले तीन सालों से संचालन”, और ” 4-5 जनवरी 2016 को आगरा में यूपी सरकार के अतिप्रतिष्ठित एनआरआई दिवस कार्यक्रम का संचालन”
अब बंट ही रहा है प्रसाद तो थोडा हम ले लें तो क्या हरज
सुरभी रंजन- उस समय यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन की पत्नी। उन्हें एक प्रतिष्ठित गायिका बताया गया है।
कांग्रेजी बिटिया होना का कुछ तो फायदा होना ही चाहिए न
शिवानी मतानहेलिया– दिवंगत कांग्रेसी नेता जगदीश मतानहेलिया की बेटी। शिवानी प्रतापगढ़ के एक कॉलेज में संगीत पढ़ाती हैं।
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