Saturday, November 14, 2015

समुंदर पार पेरिस और मुंबई हमलों के बीच सात समानताएं



मुंबई में हुआ आतंकी हमला भी नवंबर में हुआ था और पेरिस  में हुआ हमला भी नवंबर में हुआ है लेकिन महीने की समानता के अलावा अगर हम बारीकी से गौर करें तो पाएंगे कि पेरिस और मुंबई के हमलो के बीच कर्इ समानताएं है। इसमें से सात आपकी नजर ...

१)  भीड़भाड़ वाला इलाका
दोनों शहरों में आतंकियों ने भीड़ भाड़ वाले इलाको  को चुना था अपने टारगेट के तौर पैर।  मुंबई में हुए हमले का सबसे बड़ा टारगेट था CST  रेलवे स्टेशन जहां पर अजमल कसाब और उसके साथी इस्माइल  ने  ट्रेन पकड़ने के लिए आए मुसाफिरों  पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई।   अकेले CST रेलवे स्टेशन पर ही 56 लोगों की मौत हो गई जिसमें रेलवे मुसाफिर भी थे और पुलिस कर्मचारी भी।

२) खानेपीने वाली जगह
दोनों ही  हमलो में  खाने पीने के  रेस्टोरेंट्स को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया जैसे कि मुंबई में उतरे आतंकियों के पहले गुट ने सबसे पहले कोलाबा इलाके के इस मशहूर लियोपोल्ड  कैफ़े में अंधाधुंध फायरिंग की जिस में की 11 लोग मारे गए।

३)एक साथ कर्इ निशाना
आतंकियों ने एक ही शहर मे हमला करने के लिए एक से ज्यादा ठिकाने चुने।फ्रांस में आतंकियों ने 6 अलग-अलग ठिकानों पर हमला किया जबकि मुंबई में  भी आतंकियों ने ७ ठिकानो पर हमला किया था।

४)फिदायीन
पेरिस और मुंबई दोनों ही शहर के हमलो में शामिल आतंकवादी फिदाइन थे यानी कि वो मरने के लिए तैयार। अजमल कसाब ने जो अपना बयान दिया था उसमे उसने बताया था कि उन्हें उनके  handler ने निर्देश दिए थे कि जब तक मारे ना जाओ तब तक मारते रहो, लड़ते रहो।

५) बंधक
दोनों ही हमलो में आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया था और उन्हें चुन-चुन कर मारा गया जैसे कि Trident होटल में घुसे दो आतंकियों ने तमाम लोगों को बंधक बनाया था।  उन्हें एक कतार में खड़ा किया गया और फिर चुन-चुन कर उन्हें गोली मार दी गई।

६) एके ४७
दोनों हमलो में एक ही जैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ।मुंबई में भी आतंकी अपने साथ AK-47 जैसे हथियार लेकर आए थे और पेरिस में भी  AK 47  का इस्तेमाल हुआ
७)आतंकी की संख्या
दोनों शहर में आतंकियों की संख्या लगभग बराबर ही रही। जब मुंबई में हमला हुआ था तो पाकिस्तान से 10 आतंकीऔर पेरिस के हमले में  आठ आतंकी शामिल हुए।
पेरिस में हुआ आतंकी हमला उतना ही बड़ा था जितना कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ हमला। दोनों ही हमने अपने अपने देशों के सबसे बड़े आतंकी हमले थे पर इतिहास में काली स्याही से दर्ज किए जाएंगे।

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