Saturday, November 14, 2015

रेलयात्रा संभल कर

पिछले दिनों भारतीय रेल से यात्रा में इन  दिनों में रेल यात्री सबसे अधिक जहरखुरानी से डरे हैं । एसी कंपार्टमेंट भी नहीं बचे हैं । घटनाएं बढ़ती जा रही है । रोज नये तरीके निकल रहे हैं । अब तो रात को स्‍प्रे कर सुला दिया जा रहा है । फिर सब कुछ चपत । कहीं-कहीं मिलीभगत दिखती है । अनेक यात्री जान गंवा चुके हैं । रेल ने अब भी जेहाद के तौर पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है । सिर्फ संदेश से भारत में अपराधियों का कुछ नहीं बिगड़ता । ‘बिन भय होत न प्रीत’ जैसा कुछ करना होगा । मेरे इस पोस्‍ट का बिहार के लिहाज से प्राइम टाइम है । देश भर से बिहार आ रही सभी ट्रेनों में कोई आरक्षण उपलब्‍ध नहीं है । छठ करीब आते-आते स्थिति और विषम होगी । वापसी की भीड़ छठ बाद पटना/बिहार से जाने वाली ट्रेनों में होगी । कई वर्षों के अनुभव बताते हैं कि ऐसे समय में जहरखुरानी गिरोह की सक्रियता और बढ़ जाती है । सो,हमें सतर्कता के नये नुस्‍खे भी तलाशने होंगे ।
बड़ी बात कि रास्‍ते में किसी भी अजनबी सह-यात्री से कुछ भी न खायें । इनका पानी/कोल्‍डड्रिंक तो पीना ही नहीं है । केला-अमरुद-भूंजा-खैनी-मिठाई-प्रसाद -सिगरेट आदि से बिलकुल दूर रहें । ट्रेन में बोर्ड करते समय व्‍यवस्‍था करें कि रास्‍ते में भीतर खान-पान का कोई सामान न खरीदना हो । पैंट्री कार के कर्मी की ठीक पहचान करें । विशेष जरुरत हो तो बड़े स्‍टेशनों पर जहां ठहराव अधिक है,प्‍लेटफार्म से कुछ खरीद लें । खान-पान की सामग्री को अजनबी/तुरंत जान-पहचान वाले यात्री के सामने हरगिज न छोड़ें । पानी बोतल को खुला सामने न रखें । कुछ द्ष्‍टांत ऐसे भी सामने आये हैं कि सीरिंज से पानी/कोल्‍ड ड्रिंक की बोतल में नशीले तत्‍व को मिला दिया गया । अकेले सफर कर रहे हैं,तो बाथरुम जाते वक्‍त और चौकस रहें ।
नये नुस्‍खे के तौर पर आप अपने मोबाइल फोन का बेहतर इस्‍तेमाल कर सकते हैं । जिनके मोबाइल में व्‍हाट्सएप की सुविधा है,वे सामने/आसपास बैठे सहयात्री की तस्‍वीर कैद कर तुरंत अपने किसी परिजन को भेज दें । तस्‍वीर लेते वक्‍त कोई विवाद न हो,इसके लिए आप मोबाइल को साइलेंट मोड में रखें । फोटो क्लिक होने की आवाज नहीं आयेगी । दिन में फ्लैश को भी आफ कर सकते हैं । याद रखें,फोटो सिर्फ क्लिक न करें,इसे तुरंत अपने किसी परिजन को भेज दें । परिवार/समूह में चल रहे हैं,तो रात को सोने का समय बारी-बारी से निश्चित कर लें । कोई न कोई जगा रहे । इस प्रयास में थोड़ी तकलीफ तो होगी,लेकिन स्‍प्रे कर सुला देने वाले हमले से बच जायेंगे । महिला समझ निश्चिंत न रहें,गिरोह बड़ी संख्‍या में इनका प्रयोग अपराध में कर रहा है ।
और बड़ी बात यह कि ट्रेन में शोशाबाजी की आदत अभी त्‍याग दें । अमुमन लोग घर/ससुराल/मायके/सगे-संबंधी के यहां जाने के वक्‍त ट्रेन में ऐसी तैयारी के साथ सवार होते हैं कि गंतव्‍य स्‍टेशन पर पहुंचने के बाद रिसीव करने वाला व्‍यक्ति पहली झलक में ही ठसक को मान ले । यह आदत आपको गिरोह के करीब जल्‍द पहुंचा सकती है । तमाम सतर्कता के बाद भी अपनी पहचान को स्‍पष्‍ट करने के लिए फोटोयुक्‍त कोई कार्ड बहुत सुरक्षित जगह रखें । रिजर्वेशन पर्ची में पूरा पता नंबर सहित दें । यह आवश्‍यक इसलिए है कि आपात स्थिति में घर वालों को खबर मिल सके । अब तक पुलिस ऐसे मामलों में पीडि़त को अस्‍पताल पहुंचकर निश्चिंत हो जा रही है । ऐसे में,इलाज भी ठीक संभव नहीं हो पाता । होश आने में दिन-महीने लगते हैं । पहचान/देख-रेख के अभाव में गिरोह के शिकार रेल यात्रियों की मौत की संख्‍या बढ़ती लगातार बढ़ती जा रही है । आप मेरे इस पोस्‍ट को दिवाली-छठ के समय बिहार आ रहे प्रत्‍येक अपने को शेयर कर सकते हैं,ताकि जागरूकता बढ़े । इस पोस्‍ट में प्रयुक्‍त तस्‍वीर पटना जंक्‍शन पर चस्‍पां रेल क्षेत्र के सक्रिय अपराधियों की है । आप इनकी पहचान कर सकते हैं,वैसे मुश्किल काम है । लेकिन याद रखें,बड़ी संख्‍या में अज्ञात हैं,जो सदैव आपके पीछे लगे हैं । अपनी सतर्कता ही हमें-आपको बचा सकती है । घटना बाद आज की व्‍यवस्‍था में पुलिस से कोई उम्‍मीद बेमानी है ।

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