Friday, February 12, 2010

इब्न-इ-बतूता-गुलज़ार-ए- नक़ल

इब्न-इ-बतूता 
इब्न-इ-बतूता

बगल  में  जूता 
पहने  तो  करता  है,  चुर्र
उड़  उड़  आवे , दाना  चुगेवे 
उड़  जावे  चिड़िया  फुर्र 
अगले  मोड़  पे , मौत  खडी है
अरे  मरने  की भी  क्या  जल्दी  है
होर्न बज के, आ  बगियाँ  में
हो  दुर्घटना  से देर  भली  है
चल  उड़  जा  उड़  जा  फुर्र
दोनों  तरफ  से बजती  है  यह
आइ  है ज़िन्दगी  क्या ढोलक  है
होर्न  बज के  आ   बगियाँ  में
अरे  थोडा  आगे  गतिरोधक  है
इब्न-इ-बतूता

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